काव्य सदैव से ही मानव के अंतर्मन से उमड़ने वाले भावों, संवेदनाओं और व्यथा को प्रकट करने , समझने का एक अनुपम माध्यम रहा है।काव्य की व्यापकता हर्ष में, विषाद में, प्रेम में, मिलन और बिछोह में, मित्रता और शत्रुता में, विस्तृत है। सभी प्रकार के मनभावों में काव्य प्रस्फुटित होकर हृदय को आलोकित कर देता है। इन उदगारों का हाथ थामकर जो कुछ भी कलम, कागज से मिलकर सृजित करती है उसे साझा करने का एक प्रयास है: अंतर्मन की कविता काव्य संग्रह।। "काव्याँश"
रविवार, 1 मई 2022
हज़ारों फूल बिना मौसम के ही खिलने लगे..thousands of flowers started blooming
जीवन का आधार असीमित....Extension of life is unlimited
In the height of the vast sky,
यादों की पोटली...A bundle of memories
यादों की पोटली टटोली।
बरबस ही स्मृति पटल पर,
बिखरी बचपन की हंसी ठिठोली।
मिट्टी के वे बने घरौंदे,
वो सावन में डालों के झूले।
कोई कैसे इन्हे बिसारे,
कोई कैसे इनको भूले।
आशा और निराशा से मन,
कोसों दूर रहा करता था।
बैर घृणा सब अर्थहीन थे ,
प्रेम का दरिया बहा करता था।
दामन में सारी खुशियाँ थी,
आँगन में सारी दुनियाँ थी।
शामों की पलकें बोझिल थीं,
सेज थी माँ के आँचल की।
रहे नहीं वे फुर्सत के लम्हे,
अब न आलम है बेफिक्री का।
जीवन की इस भाग दौड़ में ,
सवाल रहा है दो रोटी का।
छूट गए सब संगी साथी,
छूट गए सब उस दौर के यार।
साथ उन्हीके पीछे छूटे,
नरम धूप और सावन की फुहार।
ढूंढे से भी अब नहीं मिलते,
उन बीते लम्हों के जमाने।
वे गलियां भी कहीं खो गयीं,
खोये जहाँ बचपन के खजाने। ...
"काव्याँश"
Opened an old book,
A bundle of memories.
Absolutely on the memory board,
Scattered childhood laughter.
Those houses made of clay,
Those swings of branches in Monsoon.
How could someone disperse them?
How could anyone forget them?
Heart, with hope and despair,
used to stay far away.
Hatred, animosity was all meaningless,
The river of love used to flow.
There was all the happiness in arm embrace,
The whole world was in the courtyard.
Evening eyelids were heavy,
It was the bed of mother's lap.
now there are not those moments of leisure,
Now there is no point of carelessness.
In this rush of life,
The question has been of two time meals.
All the fellow friends left,
All the friends of that era were missed.
left behind them together,
Soft sunshine and those rainy days,
Can't find it even after searching.
In those bygone times.
Those streets also got lost somewhere,
Lost where the treasures of childhood. ,
kavita...कविता
हार जीत परिणाम समर का नही वीरता का पैमाना निश्छल जिसने युद्ध लड़ा नियति ने सत्यवीर उसे माना मेरी पलकों और नींदों का रहा हमेशा ब...
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मन के अथाह सागर की, गहराई कब नापेंगे। मोती कितनी दूर अभी है, डूबेंगे तब जानेंगे। कई कश्तियां देखीं खोयीं, तट पर रहते रहते हमने। ...
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व्योम की गोद में चांद की राह है । क्षितिज के पार तक पहुंचना चाह है।। युग युगों से यूं ही अथक चलता रहा। मिलन की आस में हृदय जलता रहा ।। ऋण ल...
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अंतर्मन के भावों ने यूं शब्दों का आकार लिया क्यूं। तोड़ हृदय के तटबंधों को, बह जाना स्वीकार किया क्यूं।। जब तक थे अनकहे ये मन में सम्मानित थ...