विस्तृत गगन की ऊँचाई में,
अतल सिंधु की गहराई में ।।
हमने देखा खिलता जीवन,
जीवन की तरुणाई में ।।
नदिया के तट हमें समेटा ,
जीवन ने अपनी बाहों में ।।
कड़ी धूप में जीवन पसरा,
पेड़ की ठंडी छावों में।।
प्रेम सन्निहित मद नैनो में,
बाल सुलभ मन के सपनों में।।
जीवन का आभास हुआ है,
सभी परायों और अपनों में।।
जीवन का विस्तार असीमित ,
जीवन का आधार असीमित।।
अद्भुत ऐसा मीत ये जीवन ,
जिसका तो है प्यार असीमित ।।
"काव्यांश"
In the height of the vast sky,
In the depths of endless ocean.
We saw blooming life,
In the youth of life.
In the banks of the river,
life covered us, in her arms.
Life spread in the scorching sun
,
In the cool shade of trees.
In love embodied Intoxicating eyes,
In the dreams of a child accessible mind.
life felt, In all strangers and loved ones.
Extension of life is unlimited,
The life is unlimited.
Wonderful such a sweet life,
Whose love is unlimited.
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