गुरुवार, 31 मार्च 2022

बूंद बारिश की, A drop of rain

सहेजो बूंद बारिश की ,किसी के अश्क बरसे हैं।

ये मोती हैं बरसों से किसी सीपी को तरसे हैं।।

घटाओं ने किया बेघर जिन्हे अपने घराने से।

चमकती थी बादलों में अजनबी अब ठिकाने से।।❤

"काव्याँश "



Save a drop of rain, someone's tears have rained.

These are pearls , have been craving for a shell since years.

Those who are homeless by the clouds...

used to shine in the clouds, now 

strangers from their whereabouts.



 

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