बुधवार, 6 जुलाई 2022

जो भी अब तक मिला सफर में ....Whoever accompanied so far.



जो भी अब तक मिला सफर में, 
आँखों में बरसात लिये ।
उसपर अपनी हंसी लुटाकर ,
कितने ही सौगात दिए ।
सीख न पाया अब तक लेकिन,
अपना भाव छुपाना। 
इसीलिए उपहास उड़ाता,
रहता आज जमाना ।
पर मैं अपनी मस्ती  लेकर,
जग को ये दिखलाता हूँ ।
भिक्षा में भी खुशी  मिले तो,
उसको भी अपनाता हूँ।
"काव्याँश "
 
 
Whoever accompanied so far in the journey
having rain in  their eyes,
I sacrificed the laugh on them
gifted more feelings of skies
but haven't learned yet 
how to hide own pain
that's why the world ridicules
today..
But I take my fun
showing this to the world
If I find happiness even in alms,
follow that too..


 

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