मंगलवार, 5 जुलाई 2022

रात सुलाता, सुबह जगाता....You make us sleep at night

 रात सुलाता, सुबह जगाता। 
तू ही जग में रास रचाता। 
माटी के सारे खेल खिलौने,
माटी से जोड़ा सबका नाता। 
इतनी ही तेरी दुनिया तो,
दीप नयन के दिए क्यों सबको। 
रंग बिरंगे पुष्प खिलाये ,
हर उपवन हर डाली पर। 
पतझड़ ने जब आना ही है, 
दिन यौवन के दिए क्यों इसको?
महल बने, या कुटिया सब मे, 
दुःख की सुख से अमिट है यारी ।
ऐसा तेरा प्यार अश्रु से ,
मौसम सावन के दिए क्यों मुझको ?

"काव्याँश


You make us sleep at night, 
you make us awake in the morning. 
You are the one who creates joy in the world. 
All the game- toys are of soil,
The relationship of all connected with soil. 
if that's your world,
why did you give eye-lamp to everyone? 
you feed colorful flowers,
on every garden on each branch
When the fall has to come, 
Why did you give it the day of youth?
A palace, or a hut, all in all, 
The friendship of joy and sorrow is indelible.
So your love is with tears,
Why did  you give the rain to me?

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

kavita...कविता

हार जीत परिणाम समर का नही वीरता का पैमाना निश्छल जिसने युद्ध लड़ा नियति ने सत्यवीर उसे माना मेरी पलकों और नींदों का  रहा हमेशा ब...