दिन में धूप बन जाना रात सपनो मे आ जाना /अंतर्मन के अम्बर में घटा बन के छा जाना //पराये बन के रूठें जो अगर मेरे जो अपने हैं /छुड़ा कर हाथ ग़ैरों का तुम अपनों में आ जाना //तुम पत्थर बनो चाहे या फिर फूल बन जाना /मुझको ठोकरें देना या जीवन ये महकाना //
Do become sunny during the day,
Do come to dreams at night.
Do become a cloud in the sky of conscience.
Be angry as a stranger who is my own,
Redeem your hands and come to your loved ones ,
Whether you become a stone or become a flower,
stumble me or fragrance my life .
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