बिखर जाऊंगा शब्दों में ,अगर कविता न लिख पाया ।
मुझे आंसू भी कोसेंगे ,उन्हें सरिता न लिख पाया ।।
हर टूटे हुए मन की चुभन को जानता हूं मैं।
कलम तू जानती सब है किसे क्या मानता हूं मैं...
"काव्याँश"
I will be scattered in words, if I can not write poem.
I would even cursed by tears, if I could not write them as rivers.
I know the prick of every broken heart.
my pen ,you know everything what I believe...
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