रविवार, 3 अप्रैल 2022

अगर कविता न लिख पाया. ..If I can not write poem.


 बिखर जाऊंगा शब्दों में ,अगर कविता न लिख पाया ।

मुझे आंसू भी कोसेंगे ,उन्हें सरिता न लिख पाया ।।

हर टूटे हुए मन की चुभन को जानता हूं मैं।

कलम तू जानती सब है किसे क्या मानता हूं मैं...

"काव्याँश"


I will be scattered in words, if I can not write poem.

I would even cursed by tears, if I could not write them as rivers.

I know the prick of every broken heart.

my pen ,you know everything what I believe...










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