रविवार, 24 अप्रैल 2022

रास्ते और मंजिल...paths and destinations

रास्तों से सब हमेशा ये गिला करते रहे।
हम चले हैं उम्र भर पर वे हमे छलते रहे।।
मंजिलों की दास्तां भी एक अनोखी नज़्म सी।
साज और आवाज बिन वे सुरों में ढलते रहे।।
रास्ते तो हैं हकीकत  मंजिलें बस ख्वाब हैं।
एक तो अपनी जगह हैं, दूसरी एहसास हैं।।

"काव्यांश"



Everyone always kept cursing the paths.

We have walked for a lifetime but they kept deceiving us.

The story of the destinations is also a unique song.

Without the instrument and the voice,

 they kept on getting into the notes.

Paths are reality, destinations are just dreams.

One on its place, the other is a feeling.

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