सोमवार, 27 जून 2022

आसमां सौगात में....gift me the heaven.


 तकदीर ने तो चाहा था, दे आसमां सौगात में।

कसूर मेरे दामन का था, जो छोटा पड़ गया....


"काव्याँश "

Destiny had desired it, to gift me the heaven.

The fault was of my arm, which fell short.

पलकों पर सजे सपना .....a dream adorned on the eyelids.

 तुझे ऐ जिंदगी हमने, खुली बाहों से अपनाया।

तेरे हर सितम को भी, सर आंखों पे बिठलाया।।

 जहां रोने का जी  करता ,वहां भी मुस्कुराए हम।

 अंधेरों ने जिसे छोड़ा, बने उसके भी साए हम ।।

हमने राह भूली हैं, मंजिलों से नही शिकवा ।

हर मील के पत्थर का, झुक कर ही किया सजदा।।

गुज़ारिश है यही तुझसे ,रहे अंदाज ये अपना।

 हकीकत जो हो जैसी हो ,पलकों पर सजे सपना।।

"


काव्याँश"

We adopted you, O life, with open arms.


Your every injustice  too, we respected and  honoured.


  Wherever we have to cry, we smile there too.


  We became the shadow of the one whom the darkness left.


We have forgotten the path, did not complain the destinations.


Every milestone was bowed down and prostrated.


This is the request to you, 


  Whatever the reality is, a dream adorned on the eyelids.









शनिवार, 25 जून 2022

मन के अथाह सागर की....Of the bottomless ocean of the heart


मन के अथाह सागर की,
गहराई कब नापेंगे।
मोती कितनी दूर अभी है,
डूबेंगे तब जानेंगे।
कई कश्तियां देखीं खोयीं,
तट पर रहते रहते हमने।
कांटों के भी दर्द सहे हैं,
यूं ही हंसते हंसते हमने।
अब सम्मुख है सावन भी ,
तो तूफानों ने आना फिर है।
पर लाख करे पतझड़ कोशिश ,
तो भी फूलों ने मुस्काना फिर है।

"काव्याँश"

Of the bottomless ocean of the heart,
When will you measure the depth?

How far is the pearl now,
You will know when you drown.

Saw many boats lost,
 staying on the beach.

Even the pain of thorns has been endured,
We just laughed.

Now the rain is in front too,
So the storms have to come again.

But making a million efforts by the fall,
Even so, the flowers have to smile again.

शुक्रवार, 24 जून 2022

कौन सुनेगा कविताओं को...Who will listen to the poems?

ह्रदय संवेदनशून्य सभी हैं ।
इस पाषाण धरातल में।।
कौन सुनेगा कविताओं को ।
इस भीषण कोलाहल में।।
मुख रात्रि का खिल जाता है ।
शीतल चंद्र किरण चुंबन से।।
तुषार अश्रु भी धरती पोंछे।
 जो छलके विशाल गगन से।।
भंवरो ने अपनी गुंजन से ।
हर एक सुमन को महकाया।।
झरनो ने भी गीत से अपने।
 निर्जन वन को हर्षाया।।
पर कौन चुनेगा आंसू ऐसे ।
टूटे अरमानों के दिल में।।
व्यथित हृदय के उदगारों को।
कौन सुनेगा नभ जल थल में।।
कौन सुनेगा कविताओं को ।
इस भीषण कोलाहल में।।

"काव्याँश "
Hearts are all insensitive,
In this stone surface.

Who will listen to the poems?
In this fierce turmoil.

The face blooms of night,
With a soft moon ray kiss.

Even tearful tears wipe the earth.
 Which spilled from the vast sky.

bumblebees with their hum,
fragrances every single flower.

waterfalls  also sang their songs,
 and delighted the deserted forest.

But who will choose tears like this?
In the heart of broken dreams.

To the words of a troubled heart,
Who will listen in the land, air and water?

Who will listen to the poems?
In this fierce turmoil.

कभी छत पर कभी कौने में...Sometimes on the roof


कभी छत पर कभी कौने में,
कभी तकिए की नरमी में।
छुपा रख लो खुशी के पल,
कभी सूरज की गर्मी में।
मिलेंगे अब बहुत मुश्किल,
कहें जो हाल बतलाना।
कभी बारिश की रिमझिम से,
कभी फूलों से बतियाना।
कभी बस आईने में देख,
खुद को मुस्कुरा देना।
"काव्याँश"

Sometimes on the roof, sometimes in the corner,
Sometimes in the softness of a pillow.
Hide the happy moments,
Sometimes in the heat of the sun.

It's very difficult to meet now,
to ask how  are you doing.

Sometimes with a drizzle of rain,
Sometimes talking with flowers.
Sometimes just look in the mirror,
Make yourself smile...

मुस्कुराता हूं जहां मैं....where I smile

मुस्कुराता हूं जहां मैं.
गीत गाता हूं जहां मैं..
उस जहां में मुस्कुराना.
गीत गाना व्यर्थ है..
हां,अगर जो अश्रु निकलें.
तोड़कर पलकों के बंधन..
हैं कई बाजार सजते.
बेचते नैनों के सावन ..

"काव्याँश"

where I smile ,
where I sing a song ,
in that world, smiling and
Singing a song is pointless..
Yes, if those tears come out.
by breaking the bond of the eyelids..
There are many markets adorning..
Selling eye's water..

गुरुवार, 23 जून 2022

समझने और समझाने में..To understand and explain

समझने और समझाने में ,बीते दिन कई रातें।
न हम समझे ना कोई और समझ पाया सभी बातें।।
भवर में, पर कभी जब भी डोली नाव थमीं सांसे।
मांझी तैर कर निकला, लहरों ने रखीं आसे।।

"काव्याँश "


To understand and explain, passed many nights and days.
Neither we understood nor anyone else could understand everything.
 but in the midstream
 whenever the boat stopped, breath was held.
The boatman swam out, the waves kept alive.

मृगतृष्णा ..The mirage




जीवन की मृगतृष्णा ने,आभास दिया शीतल जल का।
प्यास सदा रही अधरों पर, भटका हर कौना मरुथल का।।
प्यासा मन प्यासा ये जीवन, एक एक बूंद पीने को तरसे।
कभी कोई हो सावन ऐसा, तन मन भीगे झूम के बरसे।।




"काव्याँश"

The mirage of life gave the impression of cold water.

Thirst was always on the lips, wandered every corner of the desert.

The thirsty mind is thirsty, this life is thirsty to drink every drop.

If there is ever a rainy season like this, heart and body will get  wet.

बुधवार, 22 जून 2022

चांद... the moon

 हँसने को यहां खुशियां समझते हैं ज़माने में ..

जिसे आंसू नहीं हासिल उसे क्या मुस्कुराने में


..

 कभी एक रात भर तू देख इस चंदा की फितरत को..

 चलता है अंधेरे में चमक देता है कुदरत को..

"काव्याँश"


Laughing is considered to be happiness here in the time..


What's in smiling to the one who doesn't get tears?


  Sometimes, you see the nature of this moon for an entire night..


  It walks in the dark, gives glow to the nature, and makes it bright.







आशाओं की मुस्कान....Smiles of hopes

आशाओं की मुस्कानों को ।
अधरों पर तुम बुनते रहना।।
नैनो के अपने सागर में ।
खुशी के मोती चुनते रहना।।
बहुत मिलेंगे इस जीवन में।
भावों को छलनी करने वाले।।
सुख में कदम मिलाने वाले।
 दुख में हाथ छुड़ाने वाले।।
रहना अडिग अविचल अटल ।
तुम मन की लेकर निष्छलता को।।
सींचे रखना एक कौने में ।
तरुणायी की चंचलता को।।
सभी पथिक हैं जीवन पथ के ।
सबके अपने ठौर ठिकाने।।
शाम कहीं कोई डेरा डाले ।
कहां चले फिर सुबह ना जाने।।


"काव्यांश"

Smiles of hopes,
You keep knitting on the lips.

In the ocean of your eyes,
Keep choosing pearls of happiness.

You will meet many in this life.
Emotions sieve.

Those who step into happiness.
 Redeemer hands in sorrow.

Remain unshakable, unshakable.
You take carelessness of the mind.

Keep irrigating  in one place,
to the fickleness of the young child.

All are wanderers of the path of life.
everyone has Everyone's place.

Somebody camp in the evening.
Where do they go then in the morning ,..

मैं भी स्वप्न कोई देखूं ... I can also dream something

 
मैं भी स्वप्न कोई देखूं ,
मुझे बस नींद तो आए..
उसे सांसों में महकाऊं,
मुझे बस सांस तो आए..
पथरीली डगर में हूं,
अनजाने सफर में हूं..
उजाले रूठ बैठे हैं ,
अंधेरों की नजर में हूं..
जगमग है ये काली रात,
 जिसकी जगमगाहट से..
जिसे जी भर निहारू मैं,
 कभी वो चांद तो आए..
ये कहता है मन मेरा,
ये सपनो का चमन मेरा..
संग अपने बिताऊँ मैं,
जिसे अपनी सुनाऊं मैं..
जिसे मैं साथ में पाऊं,
 कभी वो शाम तो आए..

"काव्यांश "


I can also dream something,
I just got sleep..
smell that in my breath,
I just got breath..
I'm in a rocky road
I am in an unknown journey..
The light is in anger, going away,
I am in the eyes of the dark..
This dark night is shining,
with whose sparkle..
whom I look at all my life, 
Sometimes, that moon comes..
It says my mind
This is my dream..
I will spend with myself,
to whom I will tell myself..
with whom I can find,
 Sometimes that evening may came to me..

kavita...कविता

हार जीत परिणाम समर का नही वीरता का पैमाना निश्छल जिसने युद्ध लड़ा नियति ने सत्यवीर उसे माना मेरी पलकों और नींदों का  रहा हमेशा ब...