शुक्रवार, 24 जून 2022

कभी छत पर कभी कौने में...Sometimes on the roof


कभी छत पर कभी कौने में,
कभी तकिए की नरमी में।
छुपा रख लो खुशी के पल,
कभी सूरज की गर्मी में।
मिलेंगे अब बहुत मुश्किल,
कहें जो हाल बतलाना।
कभी बारिश की रिमझिम से,
कभी फूलों से बतियाना।
कभी बस आईने में देख,
खुद को मुस्कुरा देना।
"काव्याँश"

Sometimes on the roof, sometimes in the corner,
Sometimes in the softness of a pillow.
Hide the happy moments,
Sometimes in the heat of the sun.

It's very difficult to meet now,
to ask how  are you doing.

Sometimes with a drizzle of rain,
Sometimes talking with flowers.
Sometimes just look in the mirror,
Make yourself smile...

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