Hindi poetry... हिंदी काव्य संग्रह शायरी poems
काव्य सदैव से ही मानव के अंतर्मन से उमड़ने वाले भावों, संवेदनाओं और व्यथा को प्रकट करने , समझने का एक अनुपम माध्यम रहा है।काव्य की व्यापकता हर्ष में, विषाद में, प्रेम में, मिलन और बिछोह में, मित्रता और शत्रुता में, विस्तृत है। सभी प्रकार के मनभावों में काव्य प्रस्फुटित होकर हृदय को आलोकित कर देता है। इन उदगारों का हाथ थामकर जो कुछ भी कलम, कागज से मिलकर सृजित करती है उसे साझा करने का एक प्रयास है: अंतर्मन की कविता काव्य संग्रह।। "काव्याँश"
शनिवार, 3 सितंबर 2022
kavita...कविता
शनिवार, 20 अगस्त 2022
hindi kavita ...सरोवर में तेरी आँखों के
सरोवर में तेरी आँखों के,
कमल बन कर के खिल जाऊँ।
तेरे अश्कों के मोती में ,
बन कर बूँद मिल जाऊँ।
नहीं किस्मत में सब कलियों की ,
बन कर फूल मुस्काएं
मगर चाहत का फिर भी हक़ ,
कि वे मन में न रह जाएँ।
In the lake of Your eyes,
let me blossom like a lotus.
In the pearl of your tears,
let me become a drop and get in it.
though all buds are not fortunate
to become flowers and spread smiles
But still this is the right of desires,
that they should not remain in the heart.
बुधवार, 20 जुलाई 2022
english hindipoetryहिंदीकविता कभी मायूस करती है
कभी मायूस करती है ,
कभी सपने दिखाती है ।
कभी तू रूठ कर कौने में,
गालों को फूलाती है।
तेरे क़दमों की आहट,
धड़कनों को बढाती है।
तू क्यों जिंदगी मुझको,
अभी भी आजमाती है ।
गुजारे है बहुत लम्हे ,
हमने इम्तिहानो के।
फैसलों का जो आया वक्त ,
नतीजे क्यों छुपाती है।
अजब है जिंदगी तू भी,
अजब अंदाज़ है तेरा ।
कल जिस हाल पे हँसते थे,
वही अब आज है मेरा ।
hindi poetryहिंदी कविता कभी मायूस करती हैkavita hindi shayari sahyari |
"
sometimes you make me sad,
Sometimes you take me to dreams.
sometimes you get angry,
you puff up the cheeks
at the corner.
The sound of your footsteps,
Increases heartbeat.
O life, why do you still
checking my patience.
we have spent many moments
in the exam of your's,
The time for decisions has come,
Why do you hide the results?
Wonderful life, you have a wonderful idea.
The circs on , you used to laugh yesterday,
That's mine now from that way..
मंगलवार, 19 जुलाई 2022
Kavita hindi poetry रात की बाहों में,in the arms of night
रात की बाहों में भटके,
चांद अपनी नींद ढूंढे।
याचक बनी प्यासी धरा,
मेघों में शीतल बूंद ढूंढे।
पुष्प ढूंढे एक भ्रमर जो,
प्रेम का निश्छल पुजारी।
पथिक खोजे गंतव्य तक की,
एक सुहानी राह प्यारी।
Wandered in the arms of the night,
the moon finds its sleep.
The thirsty earth became beggar,
To get cool drops from the clouds.
flower searches a bumblebee,
the pure priest of love.
Wanderer searches a lovely path,
Till the destination achieves..
बुधवार, 6 जुलाई 2022
shayari kavita in hindi धरा ये जहां पर गगन चूमती है
धरा ये जहां पर गगन चूमती है।
वो खुश्बू बिखेरे पवन झूमती है।।
है जीवन यहीं पर बाहें पसारे।
कहां खो गए तुम ये तुमको पुकारे।।
नदियों के जल का मधुर गीत सुन लो।
कोई गीत तुम भी मेरे मीत बुन लो।।
This land is where the sky kisses,
The wind swings with its fragrance.
Life is here, spreading her arms.
Where are you lost, O my friend?
Listen to the melodious song of the rivers.
You should also weave a song for them.
यूं ही उलझा रहे ये मन ...May this mind just keep getting confused..
यूं ही उलझा रहे ये मन , यही जीवन की सुलझन है।
जवानी स्वप्न बचपन का ,बचपन का जवानी है।
हंसती हैं जो आखें, बाहर मुस्कुराती हैं।
कभी जो झांक कर देखो, उनके अंदर भी पानी है।
मचलते ख्वाब रातों में, जो पलकों में पलते हैं
सुबह जब नींद खुलती है, अलग उनकी कहानी है।
भले चुपचाप बहती है नदी खामोश दिखती है।
अगर गहरे उतर जाओ, उसके भीतर रवानी है।
यूं ही उलझा रहे ये मन, यही जीवन की
सुलझन है।
जवानी स्वप्न बचपन का, बचपन का जवानी है।
May this mind just keep getting confused,
this is the solution of life.
Youth is the dream of childhood, childhood is the dream for youth.
The eyes that laugh, smile outside; if you ever look, there is water inside.
The dreaming nights that grow in the eyelids,
When wake up in the morning, their story is different.
Even though it flows silently, the river looks silent. If you go deep, there is a strong flow within it.
May this mind just keep getting confused,
this is the solution of life.
Youth is the dream of childhood, childhood is the dream for youth.
जो भी अब तक मिला सफर में ....Whoever accompanied so far.
जो भी अब तक मिला सफर में,
आँखों में बरसात लिये ।
उसपर अपनी हंसी लुटाकर ,
कितने ही सौगात दिए ।
सीख न पाया अब तक लेकिन,
अपना भाव छुपाना।
इसीलिए उपहास उड़ाता,
रहता आज जमाना ।
पर मैं अपनी मस्ती लेकर,
जग को ये दिखलाता हूँ ।
भिक्षा में भी खुशी मिले तो,
उसको भी अपनाता हूँ।
"काव्याँश "
Whoever accompanied so far in the journey
having rain in their eyes,
I sacrificed the laugh on them
gifted more feelings of skies
but haven't learned yet
how to hide own pain
that's why the world ridicules
today..
But I take my fun
showing this to the world
If I find happiness even in alms,
follow that too..
बारिश की बूंदो के जैसी ....Like rain drops
बारिश की बूंदो के जैसी
किसी भी सावन आना तुम
फूलों सी मुस्कान बिखेरे
मन उपवन छा जाना तुम
मेरा तो प्रारब्ध यही है
पाकर मैं खो, देता सब कुछ
जीवन की भूल भुलैया में ,
फिर किसी डगर मिल जाना तुम.
"काव्याँश "
Like rain drops
Any season come to me,
scatter smiles, like flowers.
and cover the garden of heart..
That's my destiny,
I find everything,
I loose everything.
but In the meander of life,
you appear and meet on any maze path .
मंगलवार, 5 जुलाई 2022
रात सुलाता, सुबह जगाता....You make us sleep at night
रात सुलाता, सुबह जगाता।
तू ही जग में रास रचाता।
माटी के सारे खेल खिलौने,
माटी से जोड़ा सबका नाता।
इतनी ही तेरी दुनिया तो,
दीप नयन के दिए क्यों सबको।
रंग बिरंगे पुष्प खिलाये ,
हर उपवन हर डाली पर।
पतझड़ ने जब आना ही है,
दिन यौवन के दिए क्यों इसको?
महल बने, या कुटिया सब मे,
दुःख की सुख से अमिट है यारी ।
ऐसा तेरा प्यार अश्रु से ,
मौसम सावन के दिए क्यों मुझको ?
"काव्याँश
You make us sleep at night,
you make us awake in the morning.
You are the one who creates joy in the world.
All the game- toys are of soil,
The relationship of all connected with soil.
if that's your world,
why did you give eye-lamp to everyone?
you feed colorful flowers,
on every garden on each branch
When the fall has to come,
Why did you give it the day of youth?
A palace, or a hut, all in all,
The friendship of joy and sorrow is indelible.
So your love is with tears,
Why did you give the rain to me?
सोमवार, 4 जुलाई 2022
वही बाल पन सा निश्छल मन..The same childish mind.
वही बाल पन सा निश्छल मन।
वही महक दे प्यारी सी। ।
ऐ जीवन तू एक पल दे दे ।
भोर उसी फुलवारी की । ।
कहीं कोई एक शाखा दे दे ।
उन पेड़ों से विनती कर । ।
जिनपर झूली थी तरुणाई ।
आशाओं के पेंग बढ़ाकर । ।
"काव्याँश"
The same childish mind.
Give that sweet smell .
O life, give me a moment.
In the morning of the same garden .
Give a branch somewhere,
Beg those trees.
On which adolescence used to swing,
By increasing the jumps of hopes.
सोमवार, 27 जून 2022
आसमां सौगात में....gift me the heaven.
तकदीर ने तो चाहा था, दे आसमां सौगात में।
कसूर मेरे दामन का था, जो छोटा पड़ गया....
"काव्याँश "
Destiny had desired it, to gift me the heaven.
The fault was of my arm, which fell short.
पलकों पर सजे सपना .....a dream adorned on the eyelids.
तुझे ऐ जिंदगी हमने, खुली बाहों से अपनाया।
तेरे हर सितम को भी, सर आंखों पे बिठलाया।।
जहां रोने का जी करता ,वहां भी मुस्कुराए हम।
अंधेरों ने जिसे छोड़ा, बने उसके भी साए हम ।।
हमने राह भूली हैं, मंजिलों से नही शिकवा ।
हर मील के पत्थर का, झुक कर ही किया सजदा।।
गुज़ारिश है यही तुझसे ,रहे अंदाज ये अपना।
हकीकत जो हो जैसी हो ,पलकों पर सजे सपना।।
"
काव्याँश"
We adopted you, O life, with open arms.
Your every injustice too, we respected and honoured.
Wherever we have to cry, we smile there too.
We became the shadow of the one whom the darkness left.
We have forgotten the path, did not complain the destinations.
Every milestone was bowed down and prostrated.
This is the request to you,
Whatever the reality is, a dream adorned on the eyelids.
शनिवार, 25 जून 2022
मन के अथाह सागर की....Of the bottomless ocean of the heart
शुक्रवार, 24 जून 2022
कौन सुनेगा कविताओं को...Who will listen to the poems?
कभी छत पर कभी कौने में...Sometimes on the roof
kavita...कविता
हार जीत परिणाम समर का नही वीरता का पैमाना निश्छल जिसने युद्ध लड़ा नियति ने सत्यवीर उसे माना मेरी पलकों और नींदों का रहा हमेशा ब...
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मन के अथाह सागर की, गहराई कब नापेंगे। मोती कितनी दूर अभी है, डूबेंगे तब जानेंगे। कई कश्तियां देखीं खोयीं, तट पर रहते रहते हमने। ...
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व्योम की गोद में चांद की राह है । क्षितिज के पार तक पहुंचना चाह है।। युग युगों से यूं ही अथक चलता रहा। मिलन की आस में हृदय जलता रहा ।। ऋण ल...
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अंतर्मन के भावों ने यूं शब्दों का आकार लिया क्यूं। तोड़ हृदय के तटबंधों को, बह जाना स्वीकार किया क्यूं।। जब तक थे अनकहे ये मन में सम्मानित थ...